Little Known Facts About Shiv chaisa.

मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

हाथो में त्रिशूल लिए है गले में है सर्पो की माला

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

भोर भी होगी क्यों डरते हो दुःख की रातो से,

अर्थ- हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

शिव पंचाक्षर स्तोत्र

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

सजा shiv chalisa in hindi दो घर को गुलशन सा मेरे भोलेनाथ आये हैं - श्री…

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